| ردیف | نیمسال تحصیلی | نوع آزمون | پاسخنامه تستی | پاسخنامه تشریحی | توضیحات |
|---|---|---|---|---|---|
| 1 | تابستان ۱۴۰۴ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 2 | ۱۴۰۳-۱۴۰۴-۲ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 3 | ۱۴۰۳-۱۴۰۴-۱ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 4 | تابستان ۱۴۰۳ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 5 | ۱۴۰۲-۱۴۰۳-۱ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 6 | تابستان ۱۴۰۲ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 7 | ۱۴۰۱-۱۴۰۲-۲ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 8 | ۱۴۰۱-۱۴۰۲-۱ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 9 | تابستان ۱۴۰۱ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 10 | ۱۴۰۰-۱۴۰۱-۲ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 11 | تابستان ۹۹ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 12 | ۹۸-۹۹-۱ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 13 | تابستان ۹۸ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 14 | ۹۷-۹۸-۱ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 15 | تابستان ۹۷ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 16 | ۹۶-۹۷-۲ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 17 | ۹۶-۹۷-۱ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 18 | تابستان ۹۶ | تستی | ![]() | ![]() | |
| 19 | ۹۵-۹۶-۲ | تستی | ![]() | ![]() |
واژه "محتال" در فقه به شخصی اطلاق میشود که با تدلیس و فریب در زمینه اموال دیگران به مال یا منافع آنان دست مییابد.در فقه و زندگی حقوقی اسلامی، این رفتار غالبا هم سو با جرم کلاهبرداری است و عنوان فقهی مناسب برای چنین مجرمی "کلاهبردار" است.بنابراین گزینه 1 درست است.
گزینه های دیگر تفاوت های مهمی دارند:"مختلس" به سارق مخفی یا اختلاس گر گفته میشود که غالبا به شکل پنهانی مال را میرباید؛ "خائن در امانت" به کسی اطلاق میشود که به امانت خیانت میکند و مسئولیت او در قالب امانت داری است؛ "سارق تعزیری" نیز به نوعی سرقت با مجازات تعزیری اشاره دارد، اما با مفهوم فریب و تدلیس (محتال) هم معنا نیست.بنابراین با توجه به معنای واژهها، گزینه 1 با مفهوم "محتال" مطابقت دارد.